Monday, October 13, 2014

For PM Sri Narendra Modi Ji

प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के लिए 

I need your special kind attention here sir

विषय : एक अत्यावश्यक क़ानून बनवाने का सविनय अनुरोध

हमारे प्रथम राजा राजऋषि राजा मनु जी के राष्ट्र में राष्ट्रीय नियम था कि किसी भी पशु का वध नहीं होना चाहिए।  अतः उस समय राष्ट्र में पशुओं को मारा नहीं जा सकता था।  

मेरा राष्ट्र नेताओं से नम्र निवेदन है कि इस आज़ाद भारत की सर्वश्रेष्ठ महान सरकार जो कि माननीय प्रधान मंत्री जी श्री नरेंद्र मोदी (नमो) के श्रेष्ठ प्रतिनिधित्व में एक छत्र राज सेंटर में कर रही है, एक राष्ट्र नियम बनाना चाहिए तथा निस्संदेह इस नियम (क़ानून) को सभी स्वागतपूर्वक पारित भी करवाएंगे यह मेरा मत ही नहीं बल्कि मैं जानता भी हूँ कि ये कार्य तुरंत हो जायेगा।  परन्तु समस्या ये है कि यह बात संसद में लेकर कौन जाये। मैं ठहरा ग़रीब और बेरोज़गार ब्राह्मण।  यह बात मेरे वश में नहीं है।  मेरे पास इतना धन या साधन नहीं कि मैं प्रधानमंत्री कार्यालय या किसी पूर्ण सक्षम बी जे पी कार्यालय में जाकर आपको अवगत करा पाऊँ।  और मैं अनभिज्ञ भी हूँ कि ये बात आपको तुरंत कैसे पता चले। लेकिन इस एक नियम को बनवाने के लिए अपने इस भौतिक शरीर को समाप्त करवाने के लिए सहर्ष तैयार हूँ। मैं सिर्फ शरीर को नष्ट तो करवा सकता हूँ लेकिन ये नियम बनवाने के लिए मैं ऑफिसों, न्यायायलय या छोटे सिस्टम  से ऊपर के सिस्टम तक जाने में असमर्थ हूँ।  पहली बात तो पी एम साहब तक मैं अदना सा आदमी कैसे जा पाउँगा शायद मैं तो जीवन भर उनसे सामने से मिल भी न पाऊँ।  परन्तु शायद कोई मेरी ये पोस्ट पी एम साहब के ऑफिस में पहुंचा दे तो चाहे मेरा शरीर नष्ट हो जाये, मैं तैयार हूँ।  मुझे पता है कि मोदी जी व अन्य दिग्गज नेताओं के संज्ञान में ये बात पहुँचते ही नियम अर्थात प्रत्येक इस देश की  प्रत्येक स्त्री के प्रोटेक्शन का लॉ बनेगा ही। पर कोई मुझे ये बता दे कि मैं अपना ये पार्थिव शरीर किससे नष्ट करवाऊं।  


हमारे पी एम सर तो उदार बहुत हैं परन्तु वे भी मेरी रक्षा नहीं कर पाएंगे तब तक।  क्यूंकि प्रभु का विधान ही कुछ ऐसा है।  मेरी प्रतिज्ञा है कि इस एक क़ानून को विधि संहिताओं में जुड़वाने के लिए मैं कोई विशेष श्रम नहीं करूँगा, आत्महत्या तो मैं कर ही नहीं सकता और न ही करूँगा मगर कोई भी भ्रष्ट, दुराचारी जिसका ज्ञान पी एम जी को न हो, वो यह भौतिक शरीर छीन ले (मार डाले) तो सरकार को , पता कर लेने के बाद या पहले यह नियम अवश्य बनाना  पड़ेगा।  मुझे वायदा  चाहिए इस बात का।


मेरा बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। 


धन्यवाद 

सादर चरण स्पर्श प्रधानमंत्री जी को 




आपका अपना ही 
अनुभव शर्मा 



A Little More.....


(जब तक ये क़ानून नहीं बनेगा मैं शांत नहीं बैठूंगा)

A Clue: For the protection of all the females a rule must be there by using which one they may protect them by misleading, abusing of misconduct males, lack of money, may get education in childhood if their fathers are not able to give them the best education, protect themselves by rapes, murders etc. But the whole system for their protection must be the best.


Rule : Rule of the Protection of a Female



I dont know how or how detailed you will make it but every girl, woman must be protected. It is my will.

Else kill me by your old rules of Indian Constitution.
I dont have money for coming in courts, Delhi, Bhajpa office of any place and so on.

But I am master skillful of computer, Educated, I know Urdu too.....etc everything what I can I shall use to fight a non violent war against the misconducting people of India who do not want to be made this kind of rule.

I too say Non Violence is our true religion.

Bye Sir


Om Shantih Shantih Shantih.



About my details, or any acknowledgement anyone may visit  PM Sir may get the correct information about me here. I am not too good but not too bad. By cast I am Gaur Brahmin.




Facebook : AnubhavSharmaBGI

Twitter : @anubhavsbgi

Mail : anubhavsbgi@gmail.com


Vande Maataram

Jai Bharat, Jai Jawaan, Jai Kisaan, Jai Srti

Sunday, September 28, 2014

माँ दुर्गे

ॐ 
माँ तेरे हाथ में शंख ये क्यूँ है?
तू चाहती है कि वेद ध्वनि हो मेरे राष्ट्र में।
माँ तेरे हाथ में चक्र ये क्यूँ है?
तू चाहती है कि एक संस्कृति हो मेरे राष्ट्र में।
माँ तेरे हाथ में पद्म ये क्यूँ है?
तू चाहती है कि शिष्टाचार हो मेरे राष्ट्र में।
और चाहती है कि सदाचार हो मेरे राष्ट्र में।
माँ तेरे हाथ में गदा ये क्यूँ है?
तू चाहती है कि दंड विधान हो मेरे राष्ट्र में।
माँ तेरे हाथ में धनुष ये क्यूँ है वाण ये क्यूँ है।
तू चाहती है कि यन्त्र हों वैज्ञानिकों के यहाँ पर मेरे राष्ट्र में।
माँ तेरे हाथ में त्रिशूल ये क्यूँ है?
तू चाहती है कि त्रिविध ताप से बचने के प्रयास हों इस मेरे राष्ट्र में।
और चाहती है कि सब के सब सुखी हो जाएँ मेरे राष्ट्र में।
माँ तेरे हाथ में खड्क ये क्यूँ है?
माँ तेरे हाथ में तलवार ये दुधारी क्यूँ है?
तू चाहती है कि प्रगति हो भौतिक यंत्रों की मेरे राष्ट्र में।
पर चाहती है की भूल न जाएँ आध्यात्मिकता को भक्त सभी।
तू चाहती है कि दो धारें हों इस मेरे राष्ट्र में
और ये धारें हैं भौतिक व आध्यात्मिक वाद की, तो दोनों हों।
क्यूंकि एक धार से तलवार बन नहीं सकती, भक्त मेरे।
माँ तेरा ये प्रथम हाथ यूँ खाली क्यूँ है?
तुझे आशीर्वाद देती हूँ भक्त मेरे।
और कहती हूँ तुझ जैसा प्रिय कोई और नहीं।
ये ज्ञान कहाँ से ले आया ऐ भक्त मेरे
बताना तू इसे नहीं किसी को भी ऐ पुत्र मेरे।







(स्वरचित)
आपका अपना 
भवानन्द आर्य 'अनुभव शर्मा आर्य'

Saturday, June 14, 2014

भर दे गोद को हमरी

प्रभु जी हम आये हैं इस तेरे संसार में।
तू भर दे गोद को हमरी अपने गिफ्टों के दान से।
तू है बहुत बड़ा दानी हम भी मांगें तुझसे।
देदे हम को वो सब कुछ जो कुछ चाहें हम तुझ से।
सुना है प्रभु तू ही दिलाता है सब कुछ इस संसार में।
पर हमको मांगना है पड़ता जो भी अपनी हो अरदास।
इसलिए सुन लो विनती ए भगवन हम।
हैं इस जग में अनाथ प्रभु मांगें तेरा हाथ।
मैं तो मांग चुका हूँ तुझसे अब तो पूरी कर दो आस।
सुना है तू करता है भक्त अपनों की हर पल पूरी आस।
तू देदे हमको अपनी दया का दान।
और देदे हम को तू अपनी भक्ति की भी आस।
देदे हमको संसारी गिफ्ट्स जो हम चाहें नाथ।
भर दे झोली भक्त अपने की कर दे पूरी आस।



आपका
अनुभव शर्मा

Saturday, May 17, 2014

इस नरक से खुदा बचाए

किसी को जानबूझ कर चाहने से नहीं होती।
मोहब्बत खरीदने से भी नहीं मिलती।
ये तो तब रंग दिखाती है जब नसीब जागा हो ।
और मिल कर फिर जुदाई कभी नहीं होती।


लेकिन अगले जन्मों में दुःख का हेतु है।
ये मोहब्बत ग़म का सागर है।
ये अब चिंता का कारण है।
इसलिए बचे रहो इससे ऐ दोस्त।
क्यूंकि ये वो शै है जो मौत का पैग़ाम देती है।


मुझे याद है वो जन्म।
जब मैं इस फेरे में पड़ा था।
अपना ही यार जब और के साथ हो।
तो क्या गुज़रेगी तुम पर।
शिट इस नरक से खुदा बचाए ।




आपका
अनुभव शर्मा 'भवानन्द'

Thursday, May 15, 2014

अबकी बार तो बस मोदी सरकार

Sunii khabar? BJP 325/553 seats par Aage
Are bhai abki baar to bs Modi ki hi Sarkaar
Ab ho gai bhaiya re Achchhai kee Vijay
Baba Ramdev Ji ka pura hua vachan o sapna
Yogion ko dia sarkaar ka daromdaar
Bhaiya Re hui sach kee vijay aur
Sapna jo pura hona h ka kala dhan or Bhrashtachaar
Abki Baar Ab to Bhaiya re Modi ki Sarkaar


सुनी खबर? बी० जे० पी० ३२५/५५३ सीटों पर आगे
अरे भाई अबकी बार तो बस मोदी सरकार
अब हो गई भैया रे अच्छाई कीविजय
बाबा रामदेव जी का पूरा हुआ वचन और सपना
योगिओं को दिया सरकार का दारोमदार
भैया रे हुई सच की विजय और
सपना पूरा होना है का काले धन और भ्रष्टाचार
अबकी बार अब तो भैया रे मोदी की सरकार

बाबा ने कहा था के कांग्रेस १०० सीट भी नहीं जुटा पायेगी।  जय बाबा रामदेव जी की।



आपका
अनुभव शर्मा

मोह भंग

हमें मोह भी हो गया , मोह भंग भी हो गया।
पता नहीं उसे क्यूँ नहीं पता जिससे हुआ।
ये ही तो है अज्ञान पर मैं खुश हूँ  बहुत।
क्यूंकि वो हंसी फिर लौट आई।
जो थी मेरी पहचान, हँसता है कब इंसान।
जब अपनाता है दुनियां के दर्द को।
ठुकराता नहीं अपनों के फ़र्ज़ को।
अब तो सारी दुनियां ही अपनी लगने लगी यारों।
क्यूंकि जब छोड़ देते हैं सब को।
तो सब अपने लगते हैं , यही है दुनियां की रीत।
इसलिए प्यारे करो जग से प्रीत।



आपका
अनुभव शर्मा

Friday, March 14, 2014

سچ


خدا کہتا ہے کی میں سچ بولنے والے کو سبسے پرانا سناتن علم دیتا ہوں . ہون کرنے والے کو پھل دیتا ہوں اور اس دنیا میں جو کچھ بھی ہے اس کو بناتا اور سمبھلتا ہوں . اسلئے میری جگہ میرے سوا کسی اور کو مت پوجو ، مت جانو،مت مانو



(وید سے )

آپکا 
(بھوا نند ار یہ ' انو بھو )

Tuesday, March 11, 2014

اننت جیون جو کرنا ہے

اننت جیون جو کرنا ہے من اوم جپو من اوم جپو
بھو ساگر پار اترنا ہے من اوم جپو من اوم جپو

سنکٹ کے بادل گھر آہیں چھا جائے نراشا جو من میں 
بھےبھیٹ ھر دے جب ہو جائے من اوم جپو من اوم جپو

وشیوں کے جب طوفاں اٹھیں من میں چنچلتا چھا جائے 
جب بددھی نییہ ڈول اٹھے من اوم جپو من اوم جپو


 چنتا کی اگنی دھدھک اٹھے من میں ویکلتا چھا جائے 
سچچی نشٹھا ادھار بنا من اوم جپو من اوم جپو

راستہ درگم ہو جتنا چاہے اور جانا بھی ہو دور بھلے 
اپار ہر دے وشواس لئے من اوم جپو من اوم جپو

 اننت جیون جو کرنا ہے من اوم جپو من اوم جپو







(پجیہ سوامی رامدیو جی کے گا یہ بھجن سے )

اس نظم کو ہندی میں پڑھیں


آپکا اپنا 
بھو آنند ار یہ

جب موت کی شہزادی آےگی

سانس ایک روز ہواؤں میں بکھر جاےگی
تیری مٹی  کبھی مٹی میں اتر جاےگی 
کیسکو معلوم  سفر ختم کہاں ہوتا ہے 
جانے کس موڈ پی یہ ریل ٹھہر جاےگی 

سج دھج کر جب موت کی شہزادی آےگی 
نہ سونا کام ایگا نہ چاندی ایگی 

چھوٹا سا ہے تو بڑے ارمان ہیں تیرے 
مٹی کا تو سونے کے سامان ہیں تیرے 
مٹی کیا مٹی میں جس دن سمےگی 
 نہ سونا کام ایگا نہ چاندی ایگی 

دھن دولت سے خالی ہونگے اک دن تیرے ہاتھ 
انت سمے بھگوان بھجن جاےگا تیرے ساتھ 
اس دن تجھکو وید کی وانی  یاد ایگی 
نہ سونا کام ایگا نہ چاندی ایگی 

اچچھے کئے ہیں کرم تونے پایا مانو تن 
پاپ میں کیوں ڈوبا ہے یہ پاپی چنچل من 
پاپ کی نییہ جس دن تجھکو رلاےگی تجھکو ڈبہ یگی 
نہ سونا کام ایگا نہ چاندی ایگی 
آپکا 
بھوا نند ار یہ

Monday, March 10, 2014

الم نام کا دیپ جلہ لینا

جب چاروں اور اندھیرا ہو

الم نام کا دیپ جلہ لینا
چاہے سانجھ ہو چاہے سویرا ہو
پربھو نام کا دیپ جلا لینا

چھوڈ دے گر زمانہ تو پروا نہ کر
وو تیرے ساتھ ہے تو جنہاں ساتھ ہے
بس گزر جایگا تیرا ہر مرحلہ
تیری ہر دوڈ میں پربھو کا ہاتھ ہے
جتنا بھی غموں نے گھیرا ہو
پربھو نام کا دیپ جلا لینا

تجھکو جینا ہے یہ صبر کے گھونٹ پے
شکر کر کے یہ زندگی مل گئی
شکر کر کے تجھکو ہزاروں ملے
چاہے جیون میں کتنی بھی شوھرت ملے
جس حال میں تیرا بصرہ ہو
پربھو نام کا دیپ جلا لینا

(پوجیہ سوامی رامدیو جی کے گئے بھجن سے )

آپکا اپنا
بھوا نند ار یہ

Saturday, March 8, 2014

میرے بہتر بہت کرودھ ہے

میرے بہتر بہت کرودھ ہے 
 کرنا اسکا مجھے شودھ ہے 
میرے بہتر بہت کرودھ ہے 

پریہ کی یہ میٹھی مسکان 
بھرتی کیوں جیون میں پران 
پھر کیوں بچھڑ  گئے ہیں میت 
کیسا یہ رورو سنگیت 
گتی  کا کیسا گتی ر وده ہے
میرے بہتر بہت کرودھ ہے

مد مست اور مدھو مست بسنت 
لیکر اتا کیوں ہے انت 
تپتی سورج کی یہ گرمی 
پھر ہے گرمی رت کیوں  لاتی 
اسکا مجھکو نہیں بوده ہے 
 میرے بہتر بہت کرودھ ہے

الٹے سیدھے چکر چلا کر 
کیا اکٹحہٰ  دھن یہ لاکر 
گھر بھر ڈالے  تھمنے اپنے 
مٹے غریبوں کے سب سپنے 
ہونا اس کا بھی ورودھ ہے 
میرے بہتر بہت کرودھ ہے
  
پربھو  سے پریت لگا کر دیکھی
یہی پے  جنّت پا کر دیکھی 
اب کیوں دور پربھو  ہو آپ 
مہینے کون سا کیا تھا پاپ 
پربھو  کا ہی یہ سرشٹے بوده ہے 
 میرے بہتر بہت کرودھ ہے
 

 کرنا اسکا مجھے شودھ ہے 
میرے بہتر بہت کرودھ ہے 

(پاپا جی کی قلم سے )
آپکا 
 بھوا نند   عرف انو بھو شرما