योगी लोग मधुर प्यारी वाणी से योग सीखने वालों को उपदेश करें और अपना सर्वस्व योग ही को जानें तथा अन्य मनुष्य वैसे योगी का सदा आश्रय किया करें।यजुर्वेद।।७।११।।
हे योग की इच्छा करने वाले ! जैसे शमदमादि गुणयुक्त पुरुष योगबल से विद्याबल की उन्नति कर सकता है, वही अविद्या रूपी अंधकार का विध्वंस करने वाली योगविद्या सतजनों को प्राप्त होकर जैसे यथोचित सुख देती है वैसे आपको दे।यजुर्वेद।।७।१२।।
शमदमादिगुणों का आधार योगाभ्यास में तत्पर योगी-जन अपनी योगविद्या के प्रचार से योगविद्या चाहने वालों का आत्मबल बढ़ाता हुआ सब जगह सूर्य के सामान प्रकाशित होता है। यजुर्वेद।।७।१३।।
A Yogi should teach with sweet and polite voice to the observers, students of Yoga and he must think everything to Yoga at all and Other persons should always take the shelter of this type of Yogis.
O Desiree, Observer of Yoga! As a yogi can develop the Learning strength who has the properties of appeasing , pacifying and suppression; on its basis. That Learning of Yoga give the desired pleasure that destroys the darkness of ignorance when it is got by good persons (gentle Men). It may give you too the same.
The Yogi who is intended in Yoga Practice and has the properties of appeasing, pacifying and suppression, having desire to increase the self confidence of the persons who have the desire of Yoga Learning, gets the grace of the Sun everywhere.