.دنیاں میں اسی کی زندگی اونچی ہی جو کسی کا ہو جاتا ہے جو کسی کا نہیں ہوتا وہ دنیاں میں ادھورا بنا بیٹھا رہتا ہے - دیکھو ! جب تک تعلیم کی آگ میں روح نہیں نہایی ، اور اپنی کمیوں کو ختم نہیں کیا تب تک ہماری روح خدا سے موہ پھیرے ہے. اسی طرح ہمیں اپنے کو تعلیم کی آگ میں اپنے کو جلا کر راخ کرنا ہے . جب ہم تعلیم کے اپنے بن جاتے ہیں تو ہمارا وجود فرشتوں کے سامنے آ جاتا ہے - اور اسکے بنا ہم کسی کا بھلا بھی نہ کر پاینگے - بنا دوسروں کے بھلا کرے ہمارا بھلا بھی نہ ہو پاےگا
संसार में उसी का जीवन उच्च है जो किसी का हो जाता है। जो किसी का नहीं होता वह संसार में अधूरा बना बैठा रहता है। देखो ! जब तक ज्ञान रूपी अग्नि में आत्मा ने स्नान नहीं किया, अपने दोषों को भस्म नहीं किया तब तक आत्मा परमात्मा से विमुख ही रहता है। इसी प्रकार हमें अपने को ज्ञान रूपी अग्नि में भस्म करना है। जब हम ज्ञान के हो जाते हैं तो हमारा स्वरुप देवताओं के समक्ष आ जाएगा। और इसके बिना हम किसी का उपकार भी न कर पाएंगे। बिना उपकार किये हमारा उपकार कभी भी न हो पाएगा।
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