कुछ मुख्य व्यक्ति
बैरक १४ - ए पर एक कविता
सन २०१४ अक्टूबर में मेरे ऊपर चार तीन मुक़दमे (झूंठे ) स्व पत्नी के द्वारा डाल दिए जाने के कारण मुझको जेल जाना पड़ा था। वहाँ की यादें मुझे झकझोर देती हैं। मैंने वहाँ लेखन कार्य किया था और कुछ कवितायेँ भी बनाई थीं। उनमे से एक प्रस्तुत है - (कृपया यदि पसंद आये तो कमेंट करना न भूलें )-
यहाँ हैं पंडित पूरे पाँच।
विपिन, अरुण, नीरज, गौरव और मैं।
सब ही बैरक के रखवारे हैं।
नहीं ये जातिवाद, झगडे के पोषक।
ऊँची शिक्षा वाले हैं।
[विपिन पाण्डेय ]
कुशल गणित विद्या में हैं राईटर
पंडित जगन्नाथ महाराज
जिन्हें देख सुन शान्त हो जाते बंदी
ऐसी फितरत वाले हैं।
शांत, प्रसन्न व कुशल चंद्र सम
ऊँची क़िस्मत वाले हैं।
प्रिय, मधुर, तीखी, मधुर वाणी
सब ही मुख में धारे हैं।
[करतार सिंह ]
एक हैं नेता जी करतार
कुशल वचन भाषण में उनके
है उनकी माया अपरम्पार
सिंह समान गरजे हैं अबके
मंच हो, सभा हो या हो बंदी स्थल
शुद्ध श्वेत परिधान भारतीय
टोपी, बण्डी सब उनकी शान
है स्वदेशी, स्वदेश तथा भारतीयता की पहचान
प्रशंसा सदगुणी व्यक्ति की करना है
उनकी वाणी में विद्यमान
बांटना, सत्कार करना व मग्न रहना
उनके ये गुण निश्चित ही हैं महान
[सोमपाल सिंह चौधरी ]
सुबह सवेरे ब्रह्म मुहूर्त में
नित्य ही जाग जाते हैं।
साधु सामान व्यवहार है जिनका
चौधरी सोमपाल कहलाते हैं।
दुष्टता, दुर्व्यसन, दूरिता से दूर
प्रभु भक्ति के नशे में चूर
सम्भला हुआ कर्म है जिनका
ब्रह्मचारी कृष्ण दत्त जी को चाहने वाले हैं।
[अनुभव शर्मा ]
कुछ प्रभु भक्त, कुछ दुनिया भक्त
कुछ वैराग्यवान, कुछ कामवान
कुछ पढ़ा लिखा, कुछ उन्मादी
पर हूँ परेशान इस झूठी दुनिया से
पर सच का मै रखवारा हूँ।
गुरुओं, माला, प्रभु और बालियों से डरने वाला हूँ।
मैं भवानन्द शर्मा अनुभव
सारे कारागार का प्यारा हूँ।
मैं छोटी क़िस्मत वाला हूँ।
पर यज्ञ देव का प्यारा हूँ।
[नीरज शर्मा]
धन, वैभव, कीर्ति जिसके घर
ऐसी क़िस्मत वाले हैं।
वशिष्ठ गोत्र के स्वामी जो हैं
नीरज शर्मा प्यारे हैं।
गुण अनेक और अवगुण एक
धैर्य, सहनशीलता मन में धारे हैं।
[नैन सिंह]
डॉक्टर नैन सिंह बाष्टा वाले।
हैं अधिकतम सदगुणों के रखवाले।
नाश, क्रोध व व्यर्थ की बातों।
में न उनका ध्यान, बनेंगे अत्युत्तम इंसान
करेंगे परिवार, ग्राम, प्रदेश व देश का।
योग व अध्यात्म से तथा बीमारों के इलाज से।
अत्यधिक उत्थान।
[अरुण शर्मा]
वाणी से कटु बहुत हैं भाई।
दिल से हैं दुखी, और अत्यधिक परेशां
कानून, समाज व परिवार से है इनको कुछ शिकायत भी
मगर करते हैं पुरुषार्थ, सेवा तथा रखते है।
महापुरुष, वेद, गीता में श्रद्धा अति महान
ये भी हैं देश की अमर संतान।
[मौ० साबिर पहलवान]
अल्लाह के बन्दे, प्रेमी, परोपकारी व बलवान
नहीं हैं लेते रोज प्रभु का नाम, मगर
जुम्मे की नमाज़, नहीं छोड़ते साबिर पहलवान।
याद है इनको हर गुर परोपकार का
करते हैं नए लोगों से पहचान और
दया दान नम्रता की मूरत
जैसे कोई अल्लाह की अच्छी संतान।
[जगराम सिंह सैनी ]
सैनी समाज से हैं भाई जगराम
अच्छाई, भक्ति, निर्देशन व सुविचार।
सब हैं इनकी अपनी ही पहचान।
याद सभी हैं सभी युक्तियाँ तथा विचार
दे सकते हैं अपनत्व व देश की खातिर
ये, अपनी जान, मगर जीवन है वीरान
कानून अंध के पंजे से हैं ये भी परेशान
प्रभु बचाये इनको, परिवार को, यहीं है मेरी तान।
याद है इनको हर गुर परोपकार का
करते हैं नए लोगों से पहचान और
दया दान नम्रता की मूरत
जैसे कोई अल्लाह की अच्छी संतान।
[जगराम सिंह सैनी ]
सैनी समाज से हैं भाई जगराम
अच्छाई, भक्ति, निर्देशन व सुविचार।
सब हैं इनकी अपनी ही पहचान।
याद सभी हैं सभी युक्तियाँ तथा विचार
दे सकते हैं अपनत्व व देश की खातिर
ये, अपनी जान, मगर जीवन है वीरान
कानून अंध के पंजे से हैं ये भी परेशान
प्रभु बचाये इनको, परिवार को, यहीं है मेरी तान।
योग, सदाचार, पुरुषार्थ और कर्त्तव्य
सब ही गुण ये न्यारे अति प्यारे हैं
उपासना, कर्म, ज्ञान और
सब अपने रखवारे हैं साइंस
और मुक्ति को देने वाले हैं।
इसलिए दिल में सब हमने, तुमने और उन्होंने उतारे हैं, रहे हैं और
उतारेंगे
निस्संदेह
अवश्य।
भाइयो बहनों इस प्रकार साम नीति के प्रयोग से हम अपराधियों को भी वश में कर सकते हैं, और उनको सन्मार्ग पर लाकर वास्तविक देशभक्त नागरिक के रूप में सुधार लाने में सफल हो सकते हैं।
आपका
ब्रह्मचारी अनुभव शर्मा
(१-२-२०१५ को जेल बिजनौर में लिखी )
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