Thursday, May 3, 2018

श्रद्धांजलि विधायक श्री लोकेन्द्र जी को

श्रद्धांजलि 

धरती थे अम्बर थे
विनोदी थे समन्दर थे।
जो ग़रीबों के मसीहा थे
वो लोकेन्द्र विधायक थे।
मूरत थे शिवाला थे
अंधेरों में उजाला थे।
जो निडर साहसी नेता थे
वो लोकेन्द्र विधायक थे।
वे एक सच्चे रहबर थे
सब के लिए बराबर थे।
औरों को रोते देखा है
वो देवतुल्य लोकेन्द्र थे।
दिवंगत आत्मा की बात रख लो
प्यार की हर बात उनकी याद रख लो।
हर हाल में ये इलेक्शन जीत कर
दोस्तों इंसानियत की लाज रख लो।
जीवन को अपने कान्ति देदो
दिवंगत आत्मा को शान्ति देदो।
भेड़ियों के झुण्ड का नाश कर
शेर को श्रद्धांजलि देदो।



रचयिता - विश्वपाल सिंह त्यागी, नायक नंगला , 8650209774 


द्वारा
ब्रह्मचारी अनुभव शर्मा 

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