Wednesday, June 20, 2018

हिन्दू धर्म अपनाना

मन से मोह विचार कर
रख कर्त्तव्य का ध्यान
योगारूढ़ मस्तिष्क से कर
सामाजिक रीतियों का ज्ञान
कहता हूँ मन की अपने मैं
ना जानूँ वेद पुरान
पर सत्य लिखूँ और सत्य वचन
ही है मेरी बिलकुल बस पहचान।

शाकाहार से तृप्त हो
कर निर्गुण का ध्यान
पुरुषारथ परमारथ व ज्ञान कर
पुस्तक उपनिषद और वेद से
पाले आध्यात्मिक विद्या का भान
तू करले धर्म को प्यार अरे
करवाता हूँ मैं भान
गर नियम यहीं अपनाएगा
करेगा गहन विज्ञान का पान
हो जाएगा मृत्यु विजय तू
यह सत्य वचन कर ध्यान।

गर मांसाहार अपनाएगा
नहीं कभी कर पायेगा जीवन में
आध्यात्मिक विज्ञान का ज्ञान
यह विज्ञान है श्रेष्ठ 25 गुण
साधारण भौतिक विज्ञान से यारा
समय रहते कर ले पहचान।

धर्म हिन्दू है पुराना 4000  वर्ष
मुस्लिम 1400  का है
क्रिश्चियन है 2000 वर्ष पुराना
सो सब धर्मों में धोखा है
दो अरब पुरानी यह संस्कृति
अपना कर, पकड़ कर चल इसको ऐ मित्र
वरना धोखा खायेगा
एक दिन अवश्य ही तू पछतायेगा।

करा रहा हूँ ज्ञान
सुन ले ऐ बल शक्तिमान
बुद्धि, सहनशीलता सुंदरता  से पूरित
तेरे ये बिगड़ न जाएँ प्यारे गुण
इसलिए प्यारे शाकाहार अपनाना
माँसाहार से कभी न धोखा खाना
हिन्दू धर्म अपनाना
मुस्लिम से तौबा पाना
भौतिक विज्ञान को जान अरे
ये बाह्य पदार्थ का दाता हैं
आध्यात्मिक विज्ञान परन्तु अरे
तेरा तीव्र, आतंरिक, वास्तविक विकास का दाता है।

इसको तू अपनाना
समय रहते सुधर जाना।

यूट्यूब पर सुनें - हिन्दू धर्म ( एडिटेड)

आपका
ब्रह्मचारी अनुभव शर्मा
(स्वरचित)

Monday, June 11, 2018

भला होगा किसी बेआसरे को आसरा देना

भला होगा किसी बेआसरे को आसरा देना।
मुसीबत में किसी मजबूर की बिगड़ी बना देना।

अगर प्यारे तू ये चाहे कि जग में नाम हो जाए।
परायी आग में पड़कर खुदी अपनी जला देना।

तुम्हारे सामने गर हो तड़पता प्यास का मारा।
उसे दो घूंट पानी के दया कर के पिला देना।

करो कुछ काम नेकी के मचाना शोर न हरगिज़।
मगर उसको हमेशा के लिए दिल से भुला देना।

तेरे वीरान जीवन को प्रभु फूलों से भर देगा।
किसी रोते हुए दिल को ज़रा तुम भी हंसा देना।

बहारों में तो हँसते चमन के फूल सब लेकिन।
हो जब हीशान रखता हैं ख़िज़ाँ में मुस्कुरा देना।

तेरे पीछे जो आते हैं किसी को न लगे ठोकर।
मिले पत्थर जो रस्ते में पथिक उसको हटा देना।


(पथिक भजन)

प्रस्तुति
ब्रह्मचारी अनुभव शर्मा