Monday, June 11, 2018

भला होगा किसी बेआसरे को आसरा देना

भला होगा किसी बेआसरे को आसरा देना।
मुसीबत में किसी मजबूर की बिगड़ी बना देना।

अगर प्यारे तू ये चाहे कि जग में नाम हो जाए।
परायी आग में पड़कर खुदी अपनी जला देना।

तुम्हारे सामने गर हो तड़पता प्यास का मारा।
उसे दो घूंट पानी के दया कर के पिला देना।

करो कुछ काम नेकी के मचाना शोर न हरगिज़।
मगर उसको हमेशा के लिए दिल से भुला देना।

तेरे वीरान जीवन को प्रभु फूलों से भर देगा।
किसी रोते हुए दिल को ज़रा तुम भी हंसा देना।

बहारों में तो हँसते चमन के फूल सब लेकिन।
हो जब हीशान रखता हैं ख़िज़ाँ में मुस्कुरा देना।

तेरे पीछे जो आते हैं किसी को न लगे ठोकर।
मिले पत्थर जो रस्ते में पथिक उसको हटा देना।


(पथिक भजन)

प्रस्तुति
ब्रह्मचारी अनुभव शर्मा


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