Wednesday, February 27, 2019

यू एन ओ क्या है?

UNO  क्या और क्यों / 
क्या पी० एम०  की विदेश यात्रायें ज़रूरी थीं ?
 आम तौर पर आम जनता जानती नहीं कि यू० एन०  क्या है व कोई भी बात यू एन ओ में रखने से क्या लाभ किसी देश को पहुँचता है? ग्रामीण व कम पढ़े लिखे लोग यू० एन०  का मतलब यू० एस० ए०  अर्थात अमेरिका से लेते हैं और सोचते हैं कि मात्र अमेरिका या और किसी देश से किसी बात को कहने से क्या लाभ है।  उन्हें मेरे भाइयों बहनों को इस लेख को अवश्य ही पढ़ना चाहिए। 

वास्तव में यू० एन० एक ऐसी संस्था है कि जिसमें १९२ सदस्य होते हैं।  अंतर्राष्ट्रीय स्तर  पर क़ानून व्यवस्था, शांति व्यवस्था व अन्य  मुद्दे यह बनाती, तय करती व संशोधित करती है।  UNSC इसी की एक ऐसी संस्था है जो कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा के कार्यों को देखती है।  अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार कानून व अन्य अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को बनाना व संशोधित करना इसका मुख्य कार्य है। जिस प्रकार जिला कोर्ट के ऊपर हाई कोर्ट और उससे ऊपर सुप्रीम कोर्ट होता है।  व सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अपने देश में मानना अनिवार्य है, जिस प्रकार संसद में बने नियम सभी को मानने आवश्यक होते है इसी प्रकार यह संस्था अंतर्राष्ट्रीय स्तर की है और इसमें बने क़ानून व नियम सभी देशों को मानने अनिवार्य हैं।  यह अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् है जिसमें कुल १५ सदस्य होते हैं।  जिसमें कि पाँच सदस्य स्थायी होते हैं जिनको वीटो पावर के नाम से भी जाना जाता है। पांच वीटो पावर हैं - चीन, रूस, अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन एवं फ्रांस।  दस अस्थाई सदस्य होते हैं और ये अस्थायी सदस्य १९२ सदस्यों में से वोट के आधार पर दो वर्ष के लिए चुने जाते हैं।  

अब भाइयों बहनों यदि भारत के अन्य देशों से अच्छे सम्बन्ध बनते हैं तो भारत भी UNSC  का सदस्य बन सकता है जिससे कि अंतर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था में इसका भी दखल हो जायेगा।  जिससे कि अपनी आवश्यकता के क़ानून भारत UNSC में पास करवा सकता है। वीटो पावर किसी भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पारित होने वाले प्रस्ताव पर 'नो' लिखने का अधिकार रखती है। यदि पांच में से किसी भी वीटो पावर प्राप्त देश ने 'नहीं' लिख दिया तो वह प्रस्ताव पारित नहीं हो सकता। यहीं चीन भारत के खिलाफ करता चला आया है अभी तक पकिस्तान के मामले में।  जिसके कारण पकिस्तान अभी तक आतंकी देश घोषित नहीं हो पाया अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर। 

यह पोस्ट गाँव में रहने मेरे उन भाई बहनों को समर्पित है जो कि इस विषय में कुछ भी नहीं जानते और प्रश्न करते हैं कि जब देश को ज़रूरत थी तो मोदी जी बाहर के देशों की यात्रा कर रहे थे। भाईयों बहनों यह यात्रा मात्र नहीं थी अन्य जो सरकारें आयीं वह इस काम को बिलकुल न कर पायीं और न ही उन लोगों की अंतर्राष्ट्रीय यात्रायें इतनी सफल हो पाती थीं।  राहुल गाँधी ने भी संसद में माना है कि मोदी बहुत पावरफुल व्यक्ति हैं।  विदेश में जाना और उन लोगों को अपने पक्ष में करना कोई आसान काम नहीं।  उस में पद और फिर व्यक्तित्व दोनों ही आवश्यक होते हैं  जो मोदी जी ने कर दिखाया। अभी पुलवामा वाली दुखद घटना को केवल १४ दिन हुए हैं और पकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद अर्थात जेहाद के मुद्दे पर सभी देश भारत के साथ खड़े हैं  और चीन भी भारत के विपक्ष में नहीं।  यह सब माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के अथक प्रयासों के कारण ही है। 

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UN (यू० एन० ) -https://en.wikipedia.org/wiki/United_Nations
UNSC(यू०एन०एस०सी०) - https://en.wikipedia.org/wiki/List_of_members_of_the_United_Nations_Security_Council


आपका ब्रह्मचारी अनुभव शर्मा

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